Sunday, 19 June 2016

बनारस: IIT BHU ने तैयार की पहली सोलर कार

सोलर कार
IIT BHU ने सौर ऊर्जा से चलने वाली कार बनाने का दावा किया है. यह कार अगले कुछ महीनों में बाजार में उतारी जाएगी. सौर उर्जा से कार में एसी भी चलेगा.
आईआईटी, बीएचयू के मेकैनिकल इंजीनियरिंग विभाग में 16 जून को इस कार का परीक्षण किया गया. लेकिन फिलहाल यह कार पूरी तरह से सौर ऊर्जा से नहीं चलेगी. इसे डीजल और बायो डीजल के मिश्रण से चलाया जाएगा.
सोलर कार बनाने वाले ग्रुप के प्रमुख प्रो. एस. के. शुक्ला और प्रोजेक्ट मैनेजर डॉ. जे.वी. तिर्की के अनुसार, अभी कार की इलेक्ट्रिक प्रणाली को सौर ऊर्जा पैनल से जोड़ा गया है. कार की छत पर लगाया गया सोलर पैनल इसकी बैटरियों को ऊर्जा देगा. यह प्रोजेक्ट टाटा मोटर्स के सहयोग से चलाई जा रही है.
प्रो. शुक्ला ने बताया, 'सोलर पैनल छत पर लगे होने के कारण कार के अंदर गर्मी नहीं होगी. एक बार एसी चलाकर थोड़ी देर बाद बंद कर देने पर कार में काफी देर तक ठंडक बनी रहेगी.'
उन्होंने बताया कि यह पैनल सूरज की किरणों से 180 वाट तक ऊर्जा संरक्षित करेगा, जो कार को स्टार्ट करने, रात में बल्ब जलाने और पंखे चलाने के लिए पर्याप्त होगी. एसी का ब्लोअर भी इससे चलाया जा सकता है.
डॉ. तिर्की ने बताया कि अभी इतनी ऊर्जा इस पैनल से नहीं मिल रही है कि बिना पेट्रोल या डीजल के कार को चलाया जा सके. हालांकि बाद में सुधार करके उच्च क्षमता वाले पैनलों के जरिये यह भी संभव हो सकता है. इसके लिए कम से कम 400 किलोवाट ऊर्जा की जरूरत होगी.
तिर्की के मुताबिक यह कार डीजल और बायोडीजल के मिश्रण से चलेगी. बायोडीजल की वजह से ईंधन की कीमत और खपत कम होगी. इससे कार की स्पीडसामान्य कारों जैसी ही रहेगी. इस कार को पूरी तरह बायोडीजल से चलाने पर शोध चल रहा है.
डॉ. तिर्की ने बताया कि परीक्षण पूरा होने के बाद ही पता चलेगा कि एक लीटर बायोडीजल से यह कार कितनी दूरी तय करेगी? लेकिन यह कार काफी किफायती होगी, जिसके लिए कार के इंजन में बदलाव करने की जरूरत नहीं होगी.

Wednesday, 1 June 2016

अस्थमा से निपटने के घरेलू उपचार


अस्‍थमा को नियंत्रित करने के लिये कुछ कारगर घरेलू उपचार भी हैं। ये उपाय काफी लाभदायक होते हैं। आइए जानें ऐसे ही कुछ घरेलू उपायों के बारे में।



  • 1

    अस्‍थमा

    अस्‍थमा का अटैक पड़ने से श्वास नलिकाएं पूरी तरह बंद हो सकती हैं, जिससे शरीर के महत्वपूर्ण अंगों को आक्सीजन की आपूर्ति बंद हो सकती है। वैसे तो अस्‍थमा का उपचार डॉक्‍टरी परामर्श से ही करवाना बेहतर होता है, लेकिन अस्‍थमा को नियंत्रित करने के लिये कुछ कारगर घरेलू उपचार भी हैं। ये उपाय काफी लाभदायक होते हैं। आइए जानें ऐसे ही कुछ घरेलू उपायों के बारे में।
  • 2

    अदरक और लहसुन

    अदरक और लहसुन दोनों ही अस्‍थमा के इलाज में फायदेमंद होते हैं। अस्‍थमा की शुरुआती अवस्‍था में 30 मिली दूध में लहसुन की पांच कलियां उबाल कर इस मिश्रण का रोजाना सेवन करने से लाभ मिलता है। इसके अलावा अदरक की गर्म चाय में लहसुन की दो कलियां मिलाकर सुबह-शाम पीकर भी अस्‍थमा को नियंत्रित किया जा सकता है।
  • 3

    अजवाइन

    आधा कप अजवाइन का रस और इसमें उतनी ही मात्रा में पानी मिलाकर सुबह और शाम भोजन के बाद लेने से अस्‍थमा नष्ट हो जाता है। अस्‍थमा से बचाव के लिए अजवाइन के पानी से भाप लेना भी फायदेमंद होता है। इसके लिए पानी में अजवाइन डालकर इसे उबालें और पानी से उठती हुई भाप को लें। इससे श्वास-कष्ट में तुरंत राहत मिलती है।
  • 4

    शहद

    शहद को अस्‍थमा में काफी लाभदायक माना जाता है। शहद बलगम को ठीक करता है, जो अस्‍थमा की परेशानी पैदा करता है। अस्‍थमा का अटैक आने पर शहद को सूंघने से भी लाभ मिलता है। इसके अलावा दिन में तीन बार एक गिलास गुनगुने पानी के साथ शहद मिलाकर पीने से अस्‍थमा में निश्चित रूप से लाभ मिलता है।
  • 5

    सहजन की पत्तियां

    सहजन की पत्तियों को पानी में करीब 5 मिनट तक उबाल कर छान लें। मिश्रण को हल्‍का सा ठंडा होने पर उसमें चुटकी भर नमक, एक चौथाई नींबू का रस और काली मिर्च का पाउडर मिलाकर पियें। इस तरह का काढ़ा अस्‍थमा के लिए बढि़या इलाज माना जाता है।
  • 6

    मेथी

    शरीर की भीतरी एलर्जी को दुरुस्‍त करने में मेथी काफी सहायक होती है। मेथी के कुछ दानों को एक गिलास पानी के साथ तब तक उबालें जब तक पानी एक तिहाई न हो जाए। इस पानी में शहद और अदरक का रस मिला कर रोज सुबह-शाम सेवन करें। आपको निश्‍चित लाभ होगा। अस्‍थमा के मरीज मेथी का यूं भी सेवन कर सकते हैं।
  • 7

    योग

    अस्‍थमा से पीड़ित व्‍यक्ति को योगासन और प्राणायाम का अभ्‍यास करना चाहिए। इसके लिए सुबह के समय रीढ़ की हड्डी को सीधे रखकर खुली और साफ स्वच्छ हवा में सांस लेनी और छोड़नी चाहिए। इससे भोजन ठीक प्रकार हजम होगा और शरीर को पूरी ऊर्जा मिलेगी। इससे फेफड़े और श्‍वसन प्रक्रिया भी दुरुस्‍त होती है।
  • 8

    सूखा अंजीर

    अंजीर एक ऐसा फल है जो जितना मीठा है उतना ही लाभदायक भी होता है। अंजीर के सूखे फल बहुत गुणकारी होते हैं। यह कफ को जमने से भी रोकते हैं। सूखी अंजीर को गर्म पानी में रातभर भिगो कर रख दें। सुबह खाली पेट इसे खा लें। ऐसा करने से श्वास नली में जमा बलगम ढीला होकर बाहर निकलता है। और इससे संक्रमण से भी राहत मिलती है।
  • 9

    करेला

    करेला पोषक गुणों से भरपूर होता है। इससे अस्‍थमा का भी असरदार इलाज होता है। करेला का एक चम्‍मच पेस्‍ट शहद और तुलसी के पत्‍ते के रस के साथ मिला कर खाने से अस्‍थमा में फायदा होता है। साथ ही इससे अंदर की एलर्जी से भी राहत मिलती है।
  • 10

    हरी सब्जियां

    अस्‍थमा से पी‍ड़‍ित लोगों को भोजन को धीरे-धीरे, अच्‍छे से चबाकर और अपनी क्षमता से कम खाना चाहिए। कम से कम आठ से दस गिलास पानी प्रतिदिन पीना चाहिए। आहार में कार्बोहाइड्रेट चिकनाई एवं प्रोटीन जैसे पदार्थों को कम से कम और ताजे फल, हरी सब्जियां तथा अंकुरित चने जैसे क्षारीय खाद्य पदार्थों को भरपूर मात्रा में लेना चाहिए।
  • 11

    तेल की मालिश

    अस्‍थमा होने पर छाती और रीढ़ की हड्डी पर सरसों के तेल में कपूर मिलाकर मालिश करनी चाहिए। मालिश करने के कुछ देर बाद स्‍टीमबॉथ भी करना चाहिए। ऐसा प्रतिदिन करने से कुछ ही दिनों में अस्‍थमा में आराम मिलने लगता है।

Tuesday, 31 May 2016

Click Ads

Monday, 30 May 2016


घरेलू नुस्‍खे



Download Android App (.apk)
 Available for Download

  • Android App

    Health_Care

घरेलू नुस्खे: घरेलू नुस्‍खों (Gharelu Nuskhe) के कोई साइड इफेक्‍ट नहीं होते और आप आसानी से इनका प्रयोग कर सकते हैं । सालों से अपनायी जा रही हैं घरेलू नुस्खे / होम रेमेडीज़ (Home Remedies in Hindi) के बारे में जानें। घरेलू नुस्खे / होम रेमेडीज़ का प्रयोग सिर्फ बीमारियों में ही नहीं, बल्कि अच्‍छी सेहत के लिए भी किया जाता है। त्‍वचा की देखभाल से लेकर बालों की देखभाल तक के लिए घरेलू नुस्‍खे (Dadima Ke Ayurvedic Nuskhe For Face) अपनाये जाते हैं। इस केटेगरी में पायें पेट दर्द के घरेलू नुस्‍खे (Gharelu Nuskhe), एक्‍ने के घरेलू नुस्‍खे, झड़ते बालों के लिए घरेलू नुस्‍खे, त्‍वचा को निखारने के घरेलू नुस्‍खे (Gharelu Nuskhe), डायबिटीज के लिए घरेलू नुस्‍खे, कोल्‍ड और फ्लू के घरेलू नुस्‍खे, डायरिया के घरेलू नुस्‍खे।


संबंधित जानकारी

घरेलू नुस्‍खे


घरेलू नुस्खे: घरेलू नुस्‍खों (Gharelu Nuskhe) के कोई साइड इफेक्‍ट नहीं होते और आप आसानी से इनका प्रयोग कर सकते हैं । सालों से अपनायी जा रही हैं घरेलू नुस्खे / होम रेमेडीज़ (Home Remedies in Hindi) के बारे में जानें। घरेलू नुस्खे / होम रेमेडीज़ का प्रयोग सिर्फ बीमारियों में ही नहीं, बल्कि अच्‍छी सेहत के लिए भी किया जाता है। त्‍वचा की देखभाल से लेकर बालों की देखभाल तक के लिए घरेलू नुस्‍खे (Dadima Ke Ayurvedic Nuskhe For Face) अपनाये जाते हैं। इस केटेगरी में पायें पेट दर्द के घरेलू नुस्‍खे (Gharelu Nuskhe), एक्‍ने के घरेलू नुस्‍खे, झड़ते बालों के लिए घरेलू नुस्‍खे, त्‍वचा को निखारने के घरेलू नुस्‍खे (Gharelu Nuskhe), डायबिटीज के लिए घरेलू नुस्‍खे, कोल्‍ड और फ्लू के घरेलू नुस्‍खे, डायरिया के घरेलू नुस्‍खे।